Saturday, February 16, 2013

अपने हक़ के लिए बेशक लड़िये



जहां एक ग़रीब मुसलमान डाकिये का बेटा, केवल अपने हुनर के दम पर, देश की क्रिकेट टीम का कपतान बन सकता है। जी हां, मैं मोहम्मद अज़हरुद्दीन की बात कर रहा हूं। इस देश में एक मुसलमान राष्ट्रपति बन सकता है। ये बात सच है कि जितने मुसलमान ऊंचे पदों पर होने चाहिये थे उतने नहीं हैं। लेकिन ये भी सच है कि हमें वहां तक पहुंचने से कोई रोक भी नहीं रहा। अगर हमारे इरादे पक्के हों, तो इस देश में हम भी बुलंदी को छू सकते हैं।

गर्व के साथ अपने देश का झंडा ऊंचा रखिए और इसकी शान में कभी आंच न आने दीजिए। मैं ख़ासतौर से मुसलमान नौजवानों से गुज़ारिश करता हूं कि पढ़ लिखकर राजनीति या फिर किसी भी फील्ड में हिस्सा लेकर अपने परिवार, अपने शहर और अपने देश का नाम रोशन करिए। ...... हर देश में कुछ न कुछ कमी होती है, हमारे देश में भी हैं, ........... पूरी दुनिया और हमारे देश में ख़ूब तरक़्क़ी हो रही है। इस तरक़्क़ी का हिस्सा बनिये, इसके रास्ते में अड़चन नहीं। एक अच्छे इंसान, एक अच्छे भारतीय, एक अच्छे मुसलमान बनिए।


अपने हक़ के लिए बेशक लड़िये साथ साथ शिक्षा पर भी ध्यान दीजिए.....
.ऐसा ना हो के हक की लड़ाई में अशिक्षित होते जाएँ......!
वही समाज तरक्की कर सकता है जिस समाज में शिक्षा की अहमियत हो.....इतिहास गवाह है जाहिल कौम कभी भी न तो सरबुलंद कर सकती है और ना ही अपने हक़ की लड़ाई लड़ सकती है और ना ही तरक्की कर सकती है......आप सभी से गुज़ारिश है के अपने समाज को जाहिल होने से रोकें.......!!
 

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