Saturday, June 8, 2013

मस्जिदे नबवी की फजीलत



मस्जिदे नबवी की बड़ी फजीलत है। अल्लाह तआला के नजदीक इसकी कद्र व मंजिलत है। इसमें नमाज पढ़ने वालों को कई गुना सवाब मिलता है। नबी करीम (सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम) ने फरमाया-मेरी इस मस्जिद में नमाज हर मस्जिद से हजार गुना अफजल है सिवाए मस्जिदे हराम के। मस्जिदे नबवी उन तीनों मस्जिदों में से एक है जिनके लिए सफर करना दुरूस्त है। मस्जिदे नबवी को एक ऐसा इम्तियाज हासिल है जो किसी को हासिल नहीं है और वह 'रौजा-ए-पाक' है जिसके मुताल्लिक नबी करीम (सल0) ने फरमाया - मेरे घर और मेरे मिम्बर के बीच का मकाम जन्नत के बागों में से एक बाग है। मस्जिदे नबवी में मुस्तकिल नमाज पढ़ने की फजीलत बयान करते हुए फरमाया - जिसने मेरी मस्जिद में चालीस नमाज़े इस तौर से पढ़ीं कि एक नमाज भी फौत नहीं हुई तो उसके लिए आग से बरात अजाब से निजात और निफाक से दूरी लिख दी गई। (मसनद अहमद)


Subhan Allah
मस्जिदे नबवी की फजीलत:-    मस्जिदे नबवी की बड़ी फजीलत है। अल्लाह तआला के नजदीक इसकी कद्र व मंजिलत है। इसमें नमाज पढ़ने वालों को कई गुना सवाब मिलता है। नबी करीम (सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम) ने फरमाया-मेरी इस मस्जिद में नमाज हर मस्जिद से हजार गुना अफजल है सिवाए मस्जिदे हराम के। मस्जिदे नबवी उन तीनों मस्जिदों में से एक है जिनके लिए सफर करना दुरूस्त है। मस्जिदे नबवी को एक ऐसा इम्तियाज हासिल है जो किसी को हासिल नहीं है और वह 'रौजा-ए-पाक' है जिसके मुताल्लिक नबी करीम (सल0) ने फरमाया - मेरे घर और मेरे मिम्बर के बीच का मकाम जन्नत के बागों में से एक बाग है। मस्जिदे नबवी में मुस्तकिल नमाज पढ़ने की फजीलत बयान करते हुए फरमाया - जिसने मेरी मस्जिद में चालीस नमाज़े इस तौर से पढ़ीं कि एक नमाज भी फौत नहीं हुई तो उसके लिए आग से बरात अजाब से निजात और निफाक से दूरी लिख दी गई। (मसनद अहमद)    #08

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