मज़हब के नाम पर ज़ुल्मो सितम हम नहीं करते
वफ़ा की आड़ में सियासत हम नहीं करते
ज़मीन की कोख में भी जाते है तो गुसल करके
वतन की मिटटी को नापाक हम नहीं करते
वफ़ा की आड़ में सियासत हम नहीं करते
ज़मीन की कोख में भी जाते है तो गुसल करके
वतन की मिटटी को नापाक हम नहीं करते
No comments:
Post a Comment