कुछ लोग तुम्हारी बोलियाँ लगाने वाले हैं
मुस्लिमो खौफ खाओ के चुनाव आने वाले हैं
न तालीम, न तरक्की, न तिजारत कोई
तुम्हारी जान के डर को वो भुनाने वाले हैं
इश्तिहार की तरह करेंगे वो दंगे फसाद
गरीब की बोटी पे सौ कुत्ते कूद जाने वाले हैं
ये जो नज़र आते हैं हमको मोतबिर हमारे
ये वो शैतान हैं जो हमें बेच खाने वाले हैं
कुछ नहीं बदलता इस जम्हूरियत में हमारा
हम पहले मरते थे आगे भी मर जाने वाले हैं
मुस्लिमो खौफ खाओ के चुनाव आने वाले हैं
न तालीम, न तरक्की, न तिजारत कोई
तुम्हारी जान के डर को वो भुनाने वाले हैं
इश्तिहार की तरह करेंगे वो दंगे फसाद
गरीब की बोटी पे सौ कुत्ते कूद जाने वाले हैं
ये जो नज़र आते हैं हमको मोतबिर हमारे
ये वो शैतान हैं जो हमें बेच खाने वाले हैं
कुछ नहीं बदलता इस जम्हूरियत में हमारा
हम पहले मरते थे आगे भी मर जाने वाले हैं
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